वाशिंगटन: अमेरिकी कांग्रेस नेता पीट ओल्सन ने कहा है कि अनुच्छेद 370 हटने के बाद जम्मू कश्मीर के लोगों के पास भी ठीक वैसे ही अधिकार हैं जो भारत के सभी नागरिकों के पास हैं। अमेरिकी प्रतिनिधि सभा में बोलते हुए, ओल्सन ने कहा कि अनुच्छेद 370 एक अस्थायी प्रावधान था, जो जम्मू और कश्मीर के लोगों को भारत से अलग कानूनों के तहत रहने के लिए मजबूर कर रहा था। भारतीय संसद ने इसे समाप्त करने का फैसला किया।यह 5 अगस्त को भारतीय संसद के दोनों सदनों में भारी बहुमत से पारित किया गया था।
ओल्सन ने की कश्मीर फैसले की पैरवी
उन्होंने कहा कि अनुच्छेद 370 हटाए जाने से जम्मू-कश्मीर को मिला विशेष दर्द हटा जिससे सभी भारतीयों में समानता आई और भारत के इस कदम से कश्मीर में शांति लौटी। टेक्सास के 22वें कांग्रेसी जिले के रिपब्लिकन प्रतिनिधि ने भी अपना भाषण ट्वीट किया, जिसमें उन्होंने लिखा ‘आज मैंने भारत और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ खड़े होने के लिए सदन के पटल पर बात की क्योंकि वह क्षेत्र में शांति लाने, लोकतंत्र का विस्तार करने और जम्मू कश्मीर के लोगों को एकजुट करने के लिए और भारत के साथ उसे जुड़ाव के लिए काम करते हैं।’ ‘जो सुन रहा था, उस पर सहसा विश्वास नहीं हुआ’, व्हाइट हाउस के अधिकारी ने दी ट्रंप के खिलाफ गवाही
सुनंदा वशिष्ठ ने कश्मीर पर कही ये बात
इससे पहले पिछले गुरुवार को टॉम लैंटोस मानवाधिकार आयोग में कश्मीरी हिंदू सुनंदा वशिष्ठ ने कश्मीर का विशेष दर्जा हटाए जाने के पक्ष में दृढ़ता से बोला था।उन्होंने अमेरिकी कांग्रेस की सुनवाई में कहा कि कश्मीर में मानवाधिकारों के उल्लंघन की बात करने वाले आज उन कश्मीरी हिंदुओं के अधिकारों की अनदेखी नहीं कर सकते, जिन्हें 1990 में इस्लामिक कट्टरपंथियों द्वारा पलायन के लिए मजबूर किया गया था।