किसान आंदोलन : केंद्र सरकार को सुप्रीम कोर्ट की फटकार

farmers-file-image.jpeg

नई दिल्ली : केंद्र सरकार के नए कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों का आंदोलन 48 दिनों से जारी है। आज आंदोलन और कृषि कानूनों से जुड़े सभी मामलों की सुप्रीम (Supreme) कोर्ट (Court) में सुनवाई हो रही है।किसानों की पैरवी वरिष्ठ वकील प्रशांत भूषण और दुष्यंत दवे कर रहे हैं।

सुनवाई के दौरान केंद्र सरकार से सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि आप फिलहाल कानून पर रोक लगाएं। आप नहीं लगाएंगे तो फिर हम रोक लगा देंगे। याचिकाकर्ता के वकील हरीश साल्वे ने कहा कि सिर्फ विवादित हिस्सों पर रोक लगाएं। इस पर सुप्रीम (Supreme) कोर्ट (Court) ने कहा कि नहीं हम पूरे कानून पर रोक लगाएंगे।

मामले की सुनवाई शुरू करते ही चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया एसएस बोबड़े ने कहा कि नए कृषि कानूनों को लेकर जिस तरह से सरकार और किसानों के बीच बातचीत चल रही है, उससे हम बेहद निराश हैं।

उच्चतम न्यायालय ने नए कृषि कानूनों पर केन्द्र से कहा, ” क्या चल रहा है? राज्य आपके कानूनों के खिलाफ बगावत कर रहे हैं। उच्चतम न्यायालय ने कहा- हम फिलहाल इन कृषि कानूनों को निरस्त करने की बात नहीं कर रहे हैं, यह एक बहुत ही नाजुक स्थिति है

उच्चतम न्यायालय ने केन्द्र से कहा, ‘हमें नहीं पता कि आप समाधान का हिस्सा हैं या समस्या का।’सुप्रीम कोर्ट ने कहा- हमारे समक्ष एक भी ऐसी याचिका दायर नहीं की गई, जिसमें कहा गया हो कि ये तीन कृषि कानून किसानों के लिए फायदेमंद हैं।

उच्चतम न्यायालय ने कहा कि वह चाहता था कि बातचीत के जरिए मामले का हल निकले, लेकिन कृषि कानूनों पर फिलहाल रोक लगाने को लेकर केन्द्र की ओर से कोई प्रतिक्रिया नहीं दी गई है। उच्चतम न्यायालय ने कृषि कानूनों को लेकर समिति की आवश्यकता को दोहराया और कहा कि अगर समिति ने सुझाव दिया तो, वह इन कानूनों को लागू करने पर रोक लगा देगा।

उच्चतम न्यायालय ने कृषि कानूनों के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे किसान संगठनों से कहा, ‘आपको भरोसा हो या नहीं, हम भारत की शीर्ष अदालत हैं, हम अपना काम करेंगे।’ उच्चतम न्यायालय ने कहा, ‘हमें नहीं पता कि लोग सामाजिक दूरी के नियम का पालन कर रहे हैं कि नहीं लेकिन हमें उनके (किसानों) भोजन पानी की चिंता है।’ उच्चतम न्यायालय ने केन्द्र से कहा, ‘हम अर्थव्यवस्था के विशेषज्ञ नहीं हैं, आप बताएं कि सरकार कृषि कानून पर रोक लगाएगी या हम लगाएं।’

Share this post

PinIt

    Leave a Reply

    Your email address will not be published. Required fields are marked *

    scroll to top