चीन में है कोरोना वायरस का संक्रमण

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एक करोड़ से भी अधिक आबादी वाले चीन के वुहान शहर को फिलहाल पूरी दुनिया से अलग-थलग कर दिया गया है। वहां आने-जाने वाली उड़ानों को रोक दिया गया है, सड़कें बंद कर दी गई हैं और ट्रेनों को रोक दिया गया है। अब न तो वहां के लोग बाहर आ सकते हैं और न बाहर के लोग वहां जा सकते हैं। इस समय जिस नए कोरोना वायरस से दुनिया आतंकित है, वह इसी शहर से शुरू हुआ था, यहीं से आगे बढ़कर अमेरिका तक पहुंच गया। लेकिन अभी भी इसका सबसे घनीभूत संक्रमण इसी शहर में है और चीन को उम्मीद है कि इस शहर के दरवाजे बंद करके वह इस रोग को और फैलने से रोक लेगा। वुहान की गिनती चीन के आर्थिक रूप से महत्वपूर्ण शहरों में होती है। यह वह शहर है, जहां बड़े पैमाने पर विदेशी निवेश हुआ है और बहुत बड़े औद्योगिक परिसर बनाए व बसाए गए हैं, जो चीन की अर्थव्यवस्था में बड़ा योगदान देते हैं। इतने महत्वपूर्ण शहर को इस तरह बंद करने का फैसला चीन सरकार के लिए आसान नहीं रहा होगा, पर चीन सरकार शायद साल 2002 की सार्स वाली घटना को दोहराना नहीं चाहती।

सार्स भी एक तरह का कोरोना वायरस था, जिसकी शुरुआत भी चीन में ही हुई थी। जब यह शुरू हुआ, तो लंबे समय तक चीन की सरकार इसका खंडन करती रही। नतीजा यह हुआ कि देखते ही देखते यह वायरस 34 देशों में फैल गया था और उससे मरने वालों की संख्या भी बहुत जल्द 750 को पार कर गई थी। इसके मुकाबले वुहान में कोरोना वायरस से मरने वालों की संख्या अभी तक 17 है। फिलहाल इसे सार्स जितना खतरनाक माना भी नहीं जा रहा, लेकिन डर यह है कि इसमें कुछ और म्यूटेशन हो गए, तो खतरा बढ़ भी सकता है। सार्स के दस साल बाद ऐसा ही एक रोग मर्स पश्चिम एशिया से शुरू हुआ था। यह भी एक कोरोना वायरस ही था, जिसने ढाई हजार से ज्यादा लोगों की जान ली थी। यह बताता है कि वायरस संक्रमण को लेकर सतर्कता बहुत जरूरी है।

कोरोना वायरस आमतौर पर पालतू पशुओं को संक्रमित करते हैं। कई बार उनमें म्यूटेशन होता है और वे मनुष्यों को भी अपनी चपेट में लेने लगते हैं। वुहान से शुरू हुआ यह वायरस भी इसी तरह का है, जो कैसे शुरू हुआ, यह अभी ठीक से पता नहीं है। फिलहाल माना रहा है कि यह सी-फूड के जरिए फैला है। पिछले कुछ समय में पशु-पक्षियों से मनुष्यों में फैलने वाले वायरस संक्रमण बढ़े हैं। सार्स, मर्स, इबोला, स्वाइन फ्लू, बर्ड फ्लू वगैरह इसी श्रेणी के संक्रमण हैं। इन सभी ने दुनिया को आतंकित किया है।

अभी सबसे बड़ा सवाल यह है कि क्या वुहान को चारों तरफ से बंद करके इस रोग को फैलने से रोका जा सकेगा? खासकर तब, जब यह अमेरिका तक पहुंच चुका है और चीन-यात्रा करने वाले डेढ़ दर्जन अमेरिकी इससे संक्रमित पाए गए हैं। जाहिर है, यह संक्रमण चीन के दूसरे हिस्सों में भी पहुंच चुका होगा। लेकिन वुहान में यह ज्यादा फैल चुका है, इसलिए इसे रोकने का आपातकालिक उपाय शायद उसे अभी यही दिखा होगा। अब चुनौती इस वायरस को वुहान में खत्म करते हुए बाकी हिस्सों में भी खत्म करने की होगी। लेकिन दुनिया के सामने इससे कहीं बड़ी चुनौती ऐसी नई रणनीति बनाने की है, जिससे ऐसे रोगों को फैलने से पहले ही पहचाना और रोका जा सके।

चीन समेत दुनिया के कई दूसरे देशों में फैल चुके कोरोनावायरस को लेकर भारत में भी एडवाइज़री जारी की गई है.

  • दिल्ली समेत देश के सात हवाई अड्डों पर थर्मल स्क्रीनिंग की व्यवस्था की गई है. ताकि अगर चीन या हांगकांग से लौटे किसी शख़्स में संक्रमण के असर दिखते हैं तो उसकी तुरंत जांच कराई जा सके.
  • इस वायरस को लेकर सबसे बड़ा ख़तरा ये है कि यह इंसानों से इंसानों में फैलता है.
  • चीन में अब तक इसकी वजह से 17 लोगों की मौत हो चुकी है और 500 से ज़्यादा लोगों में इसका संक्रमण पाया गया है.
  • माना जा रहा है कि इस वायरस के संक्रमण की शुरुआत चीन के वुहान शहर से हुई है.

इस वायरस की वजह से चीन में लोगों की मनोदशा बदल गई है. लोग डरे हुए हैं लेकिन प्रशासन को लेकर वो काफी निश्चिंत हैं.इस वायरस के लिए अभी तक कोई वैक्सीन तैयार नहीं की गई है. सावधानी के तौर पर अभी तक जो किया जा रहा है वो बस यही है कि संक्रमित और बीमार लोगों से दूरी बनाकर रखी जाए.

भारत को चिंता करने की कितनी ज़रूरत?

  • भारत में नेशनल सेंटर फ़ॉर डिज़ीज़ कंट्रोल के डायरेक्टर डॉ. सुजीत कुमार सिंह के मुताबिक़, यह वायरस मर्स और सार्स वायरस की तरह जानवरों से ही आया है. दस से बीस दिनों के भीतर ही यह वायरस 40 से 550 लोगों को संक्रमित कर चुका है. जो वायरस अब तक चीन तक ही सीमित था वो अब 5-6 देशों तक भी पहुंच चुका है.
  • वो कहते हैं “यह वायरस अमरीका तक पहुंच चुका है तो हमारे देश के लोग भी चीन की यात्रा करते हैं. क़रीब 1200 मेडिकल स्टूडेंट चीन में पढ़ाई कर रहे हैं, जिसमें से ज़्यादातर वुहान प्रांत में ही हैं. ऐसे में अगर वो वहां से लौटते हैं तो इस वायरस के भारत में आ जाने की आशंका बहुत बढ़ जाती है.”
  • हालांकि वो ये ज़रूर कहते हैं कि भारत में यह वायरस कैसे प्रतिक्रिया देगा, इस बारे में स्पष्ट तौर पर कुछ भी नहीं कहा जा सकता क्योंकि ये नया वायरस है और इसके बारे में बहुत कुछ पता नहीं है.

भारत को किस तरह की तैयारी रखनी चाहिए?

  • नागरिक उड्डयन मंत्रालय की ओर से पहले ही चीन और हांगकांग से यात्रा कर रहे यात्रियों को लेकर निर्देश जारी किये जा चुके हैं. इसके साथ ही स्वास्थ्य मंत्रालय ने भी देर शाम एक एडवाइज़री जारी की.
  • डॉक्टर सिंह के मुताबिक़ सरकार की ओर से हर संभव प्रयास किया जा रहा है. एयरपोर्ट पर लगे थर्मल स्क्रीनिंग से हर पैसेंजर की जांच की जा रही है. जिस भी यात्री में बढ़ा हुआ तापमान पाया जाएगा, उसकी जांच की जाएगी और फिर डब्ल्यूएचओ के दिशा-निर्देशों के अनुसार संक्रमण की जांच व परीक्षण के लिए भेजा जाएगा.
  • वो कहते हैं “एयरपोर्ट, अस्पताल और सामुदायिक केंद्रों… तीनों जगहों पर हर तरह की सतर्कता बरती जा रही है. अगर कोई शख़्स एयरपोर्ट जांच के दौरान पकड़ में नहीं भी आता है तो कम्युनिटी में उसकी जांच की जाएगी. उसके ट्रेवल डाटा के आधार पर. ऐसे में अगर उसमें कोई भी लक्षण नज़र आता है तो वो हेल्पलाइन नंबर पर संपर्क कर सकता है.”

वायरस के संक्रमण के लक्षण

  • सिरदर्द
  • नाक बहना
  • खांसी
  • गले में ख़राश
  • बुखार
  • अस्वस्थता का अहसास होना
  • छींक आना, अस्थमा का बिगड़ना
  • थकान महसूस करना
  • निमोनिया, फेफड़ों में सूजन

डॉक्टर द्वारा बताई गई सावधानियां 

  • डॉ सिंह कहते हैं कि जैसा कि हर बीमारी के लिए कहा जाता है कि इलाज से बेहतर है सावधानी. ऐसे में हर किसी को सावधान रहने की सलाह दी जा रही है.
  • वो कहते हैं “अगर आपका कोई परिचित चीन जाना चाह रहा है तो उसे सलाह दी जाती है कि अगर बहुत ज़रूरी ना हो तो वे चीन ना जाएं. और अगर कोई वहां से लौटकर आ रहा है तो वह अपनी जांच सबसे पहले करवाएं. “

क्या है यह वायरस?

  • मरीज़ों से लिए गए इस वायरस के सैंपल की जांच प्रयोगशाला में की गई है. इसके बाद चीन के अधिकारियों और विश्व स्वास्थ्य संगठन ने कहा कि यह एक कोरोना वायरस है.
  • कोरोनावायरस कई क़िस्म के होते हैं लेकिन इनमें से छह को ही लोगों को संक्रमित करने के लिए जाना जाता था. मगर नए वायरस का पता लगने के बाद यह संख्या बढ़कर सात हो जाएगी.
  • नए वायरस के जेनेटिक कोड के विश्लेषण से यह पता चलता है कि यह मानवों को संक्रमित करने की क्षमता रखने वाले अन्य कोरोनावायरस की तुलना में ‘सार्स’ के अधिक निकटवर्ती है.
  • सार्स नाम के कोरोनावायरस को काफ़ी ख़तरनाक माना जाता है. सार्स के कारण चीन में साल 2002 में 8,098 लोग संक्रमित हुए थे और उनमें से 774 लोगों की मौत हो गई थी.

कितनी गंभीर है ये समस्या?

  • कोरोनावायरस के कारण अमूमन संक्रमित लोगों में सर्दी-जुक़ाम के लक्षण नज़र आते हैं लेकिन असर गंभीर हों तो मौत भी हो सकती है.
  • यूनिवर्सिटी ऑफ़ एडिनबरा के प्रोफ़ेसर मार्क वूलहाउस का कहना है, “जब हमने ये नया कोरोनावायरस देखा तो हमने जानने की कोशिश की कि इसका असर इतना ख़तरनाक क्यों है. यह आम सर्दी जैसे लक्षण दिखाने वाला नहीं है, जो कि चिंता की बात है.”

नई क़िस्म का वायरस

  • ये वायरस एक जीवों की एक प्रजाति से दूसरे प्रजाति में जाते हैं और फिर इंसानों को संक्रमित कर लेते हैं. इस दौरान इनका बिल्कुल पता नहीं चल पाता.
  • नॉटिंगम यूनिवर्सिटी के एक वायरोलॉजिस्ट प्रोफ़ेसर जोनाथन बॉल के मुताबिक़, “यह बिल्कुल ही नई तरह का कोरोना वायरस है. बहुत हद तक संभव है कि पशुओं से ही इंसानों तक पहुंचा हो.”
  • सार्स का वायरस बिल्ली जाति के एक जीव से इंसानों तक पहुंचा था. हालांकि चीन की ओर से अभी तक इस मूल स्रोत के बारे में कुछ भी पुष्ट तौर पर नहीं कहा गया है.

लेकिन चीन ही क्यों ?

  • प्रोफ़ेसर वूलहाउस का कहना है कि जनसंख्या के आंकड़ों और घनत्व के कारण यहां के लोग जानवरों के संपर्क में जल्दी आ जाते हैं.
  • वो कहते हैं “कोई हैरानी नहीं है कि चीन में ही आने वाले समय में कुछ ऐसा ही सुनना को मिले.”
  • चीन के अधिकारियों का कहना है कि ऐसे बहुत से मामले सामने आए हैं जिससे ये पुष्टि होती है कि यह वायरस एक शख़्स से दूसरे को भी होता है. अधिकारियों का कहना है कि ऐसा कहने के पीछे वजह ये है कि कई ऐसे मामले सामने आए हैं जिसमें मरीजों की देखभाल करने वाले स्वास्थ्य कर्मियों में भी संक्रमण के लक्षण नज़र आ रहे हैं.
  • इस मौजूदा वायरस को लेकर यही सबसे बड़ा डर है कि इससे सबसे पहले फेफड़े ही प्रभावित हो रहे हैं. इस वायरस का संक्रमण होते ही संक्रमित शख़्स को खांसी और नज़ला की शिकायत हो जाती है.
  • हालांकि अभी जो आंकड़े सामने आ रहे हैं वो ही अंतिम आंकड़े हों ऐसा नहीं कहा जा सकता.

कितनी तेज़ी से फैल रहा है ये वायरस?

  • शुरुआत में माना जा रहा था कि इस वायरस का असर सीमित ही होगा लेकिन दिसंबर के बाद से कई नए मामले सामने आ चुके हैं.
  • हालांकि इस संक्रमण की शुरुआत चीन के वुहान शहर से हुई लेकिन अब इसका संक्रमण चीन के बाकी शहरों के साथ-साथ देश के बाहर भी नज़र आ रहा है.
  • थाईलैंड, जापान, अमरीका और दक्षिण कोरिया में भी संक्रमण के कुछ मामले सामने आए हैं. वुहान से होकर आने वाले लोगों में इसके संक्रमण की आशंका अधिक है.
  • विशेषज्ञों का कहना है कि ऐसा ज़रूरी नहीं है कि सभी संक्रमित लोगों की पहचान हुई ही हो. ऐसा हो सकता है कि बहुत से ऐसे मामले हो जो छूट गए हों.
  • ऐसी आशंका जताई जा रही है कि यह वायरस नए साल चीन घूमने आए बहुत से लोगों के साथ अलग-अलग देशों में लाखों लोगों में पहुंच चुका हो.

चीन के अधिकारी इस मामले पर कैसे काम कर रहे हैं?

  • संक्रमित लोगों की एकल कक्ष में और अकेले में जांच की जा रही है ताकि इस बीमारी को और बढ़ने से रोका जा सके.
  • जिन-जिन जगहों से यात्री गुजरेंगे उन-उन जगहों पर थर्मल स्कैनर्स लगाए गए हैं ताकि जैसे ही किसी के बुख़ार की पुष्टि हो उसकी जांच की जा सके.
  • इसके अलावा सी-फ़ूड मार्केट को फिलहाल के लिए बंद कर दिया गया है ताकि सफ़ाई बनी रहे और संक्रमण को कम किया जा सके.
  • यह व्यवस्था केवल चीन में ही नहीं की गई है. चीन के अलावा एशिया के कई दूसरे देशों और अमरीका में भी इस तरह की व्यवस्था की गई है ताकि वायरस को फैलने से रोका जा सके.

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