- अभी बैंकों में जमा राशि पर 1 लाख रुपये तक का मिलता है बीमा
- इस बीमा राशि को बढ़ाकर 5 लाख करने पर हो रहा विचार
वित्त मंत्रालय बैंकों में जमा लोगों की धनराशि पर बीमा की सीमा 1 लाख से बढ़ाकर 5 लाख रुपये तक करने पर विचार कर रहा है. अक्टूबर महीने में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने यह संकेत दिया था कि इस सीमा में बढ़ोतरी की जा सकती है. यही नहीं बड़े जमा पर बीमा राशि 25 लाख तक करने पर भी विचार हो रहा है.अगर ऐसा हुआ तो यह जमा पर बीमा राशि में 1993 के बाद पहली बार बढ़ोतरी होगी. गौरतलब है कि 1992 में प्रतिभूति घोटाले के बाद जब बैंक ऑफ कराड दिवालिया हो गया तो इसके बाद सरकार ने 1 जनवरी, 1993 से बैंक जमा पर बीमा 30 हजार रुपये से बढ़ाकर 1 लाख रुपये कर दिया था।
क्या होता है जमा बीमा
इस बीमा का मतलब है कि अगर कोई बैंक डूब जाता है तो उसके जमाकर्ताओं को अधिकतम 1 लाख रुपये की राशि सरकार देगी. हालांकि, इस बीमा का मतलब यह भी है कि जमा राशि कितनी भी हो ग्राहकों को 1 लाख रुपये ही सरकार देती है. रिजर्व बैंक की सब्सिडियरी डिपॉजिट इंश्योरेंस ऐंड क्रेडिट गारंटी कॉरपोरेशन (DICGC) ने बर्बाद होने वाले बैंकों से ग्राहकों को बचाने के लिए एक अलग रिजर्व बना रखा है.इस बीमा को बढ़ाने की मांग काफी समय से की जा रही है, क्योंकि अब के समय के हिसाब से 1 लाख रुपये की राशि ज्यादा नहीं है और सुरक्षित निवेश होने के नाते ज्यादातर लोग अपनी गाढ़ी कमाई बैंकों में ही रखते हैं।
बड़े जमा पर मिल सकता है 25 लाख का बीमा
यही नहीं, बिजनेस स्टैंडर्ड के मुताबिक सरकार डिपॉजिट बीमा की एक नई स्कीम लाने की तैयारी कर रही है, जिससे बड़े जमाकर्ताओं को 25 लाख रुपये तक वापस किए जा सकें. अखबार ने एक वरिष्ठ सरकारी अधिकारी के हवाले से लिखा है कि ओडिशा की राजधानी भुवनेश्वर में 13 दिसंबर को भारतीय रिजर्व बैंक के केंद्रीय बोर्ड की मीटिंग होने जा रही है जिसमें उक्त दोनों मसलों पर विचार हो सकता है.यही नहीं, एक प्रस्ताव यह भी है कि अगर कोई व्यक्ति ऐसी बीमा के लिए स्वयं कुछ अतिरिक्त प्रीमियम देने को तैयार हो तो उसे ज्यादा जमा राशि के लिए बीमा दिया जा सकता है।